“जिला अस्पताल में आयुष चिकित्सकों की लूट –हर मरीज को लिखी जा रही महंगी दवा”

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“सीएमएस का रटा-रटाया जवाब – लिखित शिकायत मिलने पर ही होगी कार्रवाई”

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बलिया। जिला अस्पताल परिसर में चल रहा आयुष विंग अब मरीजों के लिए मुफ्त इलाज का सहारा नहीं, बल्कि आर्थिक शोषण का अड्डा बन चुका है। सरकारी निर्देश साफ कहते हैं कि आयुष चिकित्सक एलोपैथ की केवल कुछ चुनिंदा दवाइयाँ ही लिख सकते हैं,

लेकिन अस्पताल परिसर में बैठे आयुष चिकित्सक हर मरीज को महंगी एलोपैथिक दवाएँ लिख रहे हैं। हालात यह हैं कि गरीब मरीज महंगी दवा खरीदने में असमर्थ होकर अधूरा इलाज कराने को मजबूर हैं।

दलालों के झांसे में मरीज

सोमवार को दुबहड़ थाना क्षेत्र के नगवां गांव की 52 वर्षीय उर्मिला देवी पेट दर्द और भूख न लगने की शिकायत लेकर जिला अस्पताल पहुँचीं।

उनका आरोप है कि अस्पताल गेट पर खड़ी एक महिला ने उन्हें यह कहकर डॉ. अजय पांडेय के पास भेजा कि वे पेट रोग के विशेषज्ञ हैं।

मरीज का कहना है कि महिला दलाल के बहकावे में आकर वे डॉ. पांडेय के पास पहुँचीं, जहाँ डॉक्टर ने उन्हें 1600 रुपये की महंगी दवा लिख दी। पैसे की तंगी के कारण वे केवल दो दिन की ही दवा ले पाईं।

मुफ्त इलाज के नाम पर ठगी

इसी तरह बाँसडीह निवासी 26 वर्षीय मधु ने बताया कि बुखार से परेशान होकर वे मुफ्त इलाज की उम्मीद में जिला अस्पताल आईं।

पर्ची काउंटर पर एक महिला मिली, जिसने उन्हें बेहतर इलाज का लालच देकर डॉ. अजय पांडेय के पास पहुँचा दिया। वहाँ डॉक्टर ने न केवल बाहर से महंगी जाँच कराई, बल्कि 1800 रुपये की दवा और इंजेक्शन भी लिख डाले।

दलालों की सक्रिय गैंग

सूत्रों का कहना है कि आयुष विंग से जुड़े डॉक्टरों के पास दलालों की एक संगठित टीम है, जो पर्ची काउंटर से लेकर ओपीडी तक सक्रिय रहती है।

ये दलाल मरीजों को बहला-फुसलाकर आयुष चिकित्सकों तक ले जाते हैं और फिर मरीजों से महंगी दवा व जाँचें कराकर मोटा कमीशन बनाते हैं।

मरीजों और तीमारदारों द्वारा आए दिन शिकायतों के बावजूद अब तक इन चिकित्सकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सीएमएस का रटा-रटाया जवाब

इस पूरे प्रकरण पर पूछे जाने पर सीएमएस डॉ. एस.के. यादव ने मात्र इतना कहा कि “मामला संज्ञान में नहीं है, लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।”

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