प्री-प्राइमरी शिक्षा मिशन: 800 शिक्षकों की भर्ती, 7000 स्कूल होंगे बाल वाटिका में तब्दील

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्री-प्राइमरी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्यभर में 10,000 से अधिक विद्यालयों को जोड़ी (पेयरिंग) प्रक्रिया से जोड़ा है, जिनमें से लगभग 7,000 विद्यालयों को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जा रहा है। विभाग के अनुसार इन विद्यालयों में केवल 5 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों की पढ़ाई 15 अगस्त 2025 से शुरू होगी।
इस योजना को सफल बनाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का सहयोग लिया जा रहा है। खाली पड़े विद्यालय भवनों का उपयोग प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए किया जा रहा है, और 500 मीटर के दायरे में आने वाले सभी आंगनबाड़ी केंद्र इन विद्यालयों से जोड़े जाएंगे।
शिक्षकों की भर्ती शुरू
बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए विभाग ने ECCE (अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन) एजुकेटर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार राज्यभर में लगभग 800 ECCE एजुकेटर की नियुक्ति की जाएगी। आवेदन जिला स्तर पर एजेंसियों के माध्यम से लिए जा रहे हैं और चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। पहले से चयनित 10,000 एजुकेटरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जो 15 अगस्त से योगदान देंगे।

किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से होम साइंस विषय में स्नातक
NTT (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) सर्टिफिकेट या नर्सरी टीचर डिप्लोमा
सभी पद 11 माह के लिए संविदा आधार पर होंगे और रजिस्ट्रेशन सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। वर्तमान में बदायूं, कानपुर देहात और आजमगढ़ जैसे जिलों में चयन प्रक्रिया जारी है।