पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर अब केवल 10 हजार का खर्च, जाने क्या है नया नियम

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लखनऊ। पैतृक (संयुक्त पारिवारिक) संपत्ति के बंटवारे में अब आमजन को भारी-भरकम खर्च से राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्टांप एवं निबंधन शुल्क में बड़े पैमाने पर छूट देने का फैसला किया गया। अब किसी भी मूल्य की पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर केवल 10 हजार रुपये खर्च होंगे—जिसमें 5 हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और 5 हजार रुपये निबंधन शुल्क शामिल है। शासनादेश जारी होते ही नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

पहले देना पड़ता था हजारों-लाखों का शुल्क

अभी तक विभाजन विलेख (डीड) पर संपत्ति के मूल्य के अनुसार 4% स्टांप ड्यूटी और 1% निबंधन शुल्क देना पड़ता था। इससे कई मामलों में खर्च हजारों-लाखों रुपये तक पहुँच जाता था। खर्च अधिक होने के कारण लोग पंजीकरण से बचते थे, जिससे पैतृक संपत्ति विवाद अदालतों तक पहुँच जाते थे।

विवादों में कमी आएगी

स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने बताया कि नई व्यवस्था से पंजीकरण की संख्या बढ़ेगी। इससे पारिवारिक विवाद और दीवानी-राजस्व न्यायालयों में मुकदमे घटेंगे। छूट केवल उसी स्थिति में लागू होगी जब किसी मृतक व्यक्ति की संपत्ति का बंटवारा उसके सभी वंशजों (सह-स्वामियों) के बीच किया जाएगा।

सरकार को 6.39 करोड़ का राजस्व नुकसान

तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरह उत्तर प्रदेश में भी यह राहत दी गई है। सरकार को इससे करीब 6.39 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होने की आशंका है, लेकिन आमजन को सीधी राहत और विवादों में कमी इसके पीछे बड़ा उद्देश्य है।

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