जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती, लापरवाह पेशकार निलंबित

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जिला प्रशासन ने आठ महीने से लंबित सीमांकन वाद में लापरवाही बरतने वाले पेशकार पर बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर नीरज कुमार श्रीवास्तव, पेशकार, न्यायालय उप जिलाधिकारी बलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

शिकायत से खुला मामला

01 अगस्त को जनसुनवाई में रवि मिश्र (निवासी सुरेमनपुर उर्फ पिपरपाती, पोस्ट रघुनाथपुर, बलिया) ने शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 24 के अन्तर्गत मुक्तेश्वर बनाम परमानन्द चौबे का सीमांकन वाद उप जिलाधिकारी सदर, बलिया की अदालत में 8 माह से लंबित है।
शिकायतकर्ता का कहना था कि 31 जुलाई 2025 को सुनवाई की तिथि नियत थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बार-बार केस को निरस्त कर पुनः दर्ज किया गया, जिससे वाद की प्राचीनता धुंधली हो सके।

जांच में सामने आई गड़बड़ियां

मामले की जांच अपर जिलाधिकारी (वि/रा) बलिया से कराई गई। उनकी आख्या में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:

एक ही प्रार्थना पत्र पर तीन अलग-अलग वाद दर्ज किए गए।

सभी वादों में आदेश पारित किए गए, लेकिन ऑर्डर शीट पर अंकन नहीं किया गया।

कई मामलों में सुनवाई की नियत तिथि से पहले ही आदेश पारित कर दिया गया।

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरसीसीएमएस पोर्टल का पासवर्ड रखने वाले नीरज श्रीवास्तव, पेशकार, ने पूरी तरह से लापरवाही बरती।

निलंबन और विभागीय कार्यवाही

जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर नीरज श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उन्हें तहसील बलिया के संग्रह अनुभाग से संबद्ध रखा जाएगा।
उनके खिलाफ उ.प्र. सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 तथा उ.प्र. सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के तहत विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है।

इस प्रकरण में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) बलिया को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्हें आरोप पत्र गठित कर अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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