जिला अस्पताल बलिया :- सांसें चल रही थीं… फिर भी डॉक्टर ने लिख दी मौत की रिपोर्ट

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जिला अस्पताल की लापरवाही ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां डॉक्टरों ने न केवल अपनी जिम्मेदारी से खिलवाड़ किया बल्कि एक जिंदा इंसान को मृत घोषित कर उसकी मौत का मेमो तक बना दिया।
मामला क्या है?
19 अगस्त 2025 को सेफ्टी वार्ड के बेड नंबर 27 पर करीब 45 वर्षीय अज्ञात मरीज भर्ती था। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉ. डी.पी. गुप्ता ने बिना जरूरी जांच-पड़ताल किए उसे मृत घोषित कर दिया।
उसी समय बर्न वार्ड के बेड नंबर 28 पर भर्ती 80 वर्षीय वृद्ध की असल में मौत हुई थी। लेकिन डॉक्टरों की चूक और गड़बड़ी इतनी बड़ी थी कि सांसें चल रहे मरीज को ही मृत मानकर उसका पुलिस मेमो काटकर कोतवाली भेज दिया गया।
बाल-बाल बची इंसानियत
गनीमत रही कि मामला समय रहते पकड़ में आ गया और शव गृह तक नहीं पहुंचा। वरना जिंदा इंसान को मुर्दाघर में डालकर ताला लगा दिया जाता।
प्रशासन की लीपापोती
जैसे ही मामला सामने आया, अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। सीएमएस डॉ. एस.के. यादव ने पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की। हालांकि दबाव बढ़ने पर उन्होंने बयान दिया— “मामला जानकारी में है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।”
जनता का गुस्सा
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि मरीज की जिंदगी से सीधा खिलवाड़ है। सवाल यह उठ रहा है कि जब जिला अस्पताल के डॉक्टर ही जिंदा और मृत का फर्क नहीं कर पा रहे हैं तो आम मरीजों की जान किस भरोसे पर सुरक्षित रहेगी?
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