“डिजिटल पेमेंट में तेजी, लेकिन UPI यूज़र्स के लिए बढ़ी मुश्किलें”

नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2 अगस्त 2025 को भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए एक दिन में रिकॉर्ड 70 करोड़ (700 मिलियन) से अधिक लेनदेन किए गए। यह संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी दोगुनी है।
UPI का उपयोग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2023 में जहां प्रतिदिन औसतन 35 करोड़ ट्रांजैक्शन होते थे, वहीं जुलाई 2025 में यह औसत बढ़कर 65 करोड़ तक पहुंच गया और अगस्त के पहले हफ्ते में यह 70 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया।
NPCI के अनुसार, जुलाई 2025 में रोजाना औसतन 650 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जिनका मुख्य कारण बिजली-पानी के बिल, किराया, वेतन भुगतान और रोजमर्रा की खरीदारी में UPI का इस्तेमाल है।

1 बिलियन ट्रांजैक्शन का लक्ष्य
सरकार और NPCI का लक्ष्य है कि आने वाले समय में UPI के जरिए रोजाना होने वाले लेनदेन की संख्या 1 बिलियन (100 करोड़) तक पहुंचाई जाए।
पिछले महीने (जुलाई 2025) में कुल 19.5 अरब UPI ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल राशि 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक रही। भारत में अब लगभग 85% डिजिटल लेनदेन UPI के माध्यम से होते हैं, जबकि दुनिया भर के कुल डिजिटल ट्रांजैक्शन में UPI की हिस्सेदारी लगभग 50% है।
नए नियम और बैंकिंग कानून में संशोधन
1 अगस्त 2025 से बैंकिंग कानून संशोधन अधिनियम 2025 लागू हो गया है, जिसका उद्देश्य बैंक प्रशासन को बेहतर बनाना, जमाकर्ताओं के निवेश की सुरक्षा, सरकारी बैंकों में ऑडिट सुधार और निवेश अवसर बढ़ाना है। अब सरकारी बैंकों के बिना दावे वाली राशि को निवेश शिक्षा संरक्षण कोष में स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है।
NPCI ने सभी भुगतान सेवा प्रदाताओं और बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक नई गाइडलाइनों का पालन करने का निर्देश दिया था। यदि कोई ऐप या बैंक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।