
“जिला अस्पताल में आयुष चिकित्सकों की लूट –हर मरीज को लिखी जा रही महंगी दवा”
जिला अस्पताल परिसर में चल रहा आयुष विंग अब मरीजों के लिए मुफ्त इलाज का सहारा नहीं, बल्कि आर्थिक शोषण का अड्डा बन चुका है।
जिला अस्पताल परिसर में चल रहा आयुष विंग अब मरीजों के लिए मुफ्त इलाज का सहारा नहीं, बल्कि आर्थिक शोषण का अड्डा बन चुका है।
आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कोई भी अपना ध्यान नहीं रख पाता, ऐसे में लोगों की सेहत ठीक नहीं रहती। ज्यादातर लोग पैरों में दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं।
अब लिवर की बीमारी सिर्फ शराब पीने वालों तक सीमित नहीं रह गई है। हाल ही में आई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि 20 से 30 साल की उम्र के युवाओं
महिलाओं और किशोरियों के लिए माहवारी (पीरियड्स) एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन इस दौरान लापरवाही कई बार स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकती है।
जिला चिकित्सालय बलिया में डॉक्टरों पर बाहरी दवा, जाँच और इंजेक्शन लिखकर मरीजों का शोषण करने के आरोप लगे हैं। इस सम्बन्ध में अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष
जिला अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में अव्यवस्थाओं का आलम दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। जिला मुख्यालय का यह सबसे बड़ा स्वास्थ्य केंद्र बीमारियों से जूझते मरीजों के लिए राहत की जगह
बढ़ते वजन की समस्या आज हर उम्र के लोगों में देखी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में मोटापे के मामले पिछले 10 वर्षों में दोगुने हो गए हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि विशेषज्ञों के मुताबिक, सही आदतें अपनाकर बिना भूखे रहे भी वजन घटाया जा सकता है।
आज के समय में पेट में गैस (Acidity & Flatulence) की समस्या आम हो चुकी है। गलत खानपान, अनियमित दिनचर्या, तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।
इस समस्या में पेट फूलना,