‘बिहार से लूटने आए’ बनाम ‘तेल बेचते थे’—बलिया में गरजी सियासी तोपें, मंत्री-विधायक आमने-सामने, जाने क्या है पूरा मामला

Ballia news :- परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और बसपा विधायक उमाशंकर सिंह के बीच चल रही बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गंगा बहुउद्देशीय सभागार में मंत्री ने एक बार फिर विधायक पर सीधा हमला बोलते हुए उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि पर सवाल खड़े कर दिए।
मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, “मैं बलिया के प्रसिद्ध मालवीय कहे जाने वाले मैनेजर सिंह का भांजा हूं। आप लोग पता करिए। इनके पिता जी क्या करते थे—तेल और केरोसिन बेचते थे। मैं जिस परिवार से हूं, उसने बलिया की शिक्षा व्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान दिया है।”
यह बयान बसपा विधायक के उस आरोप के जवाब में आया, जिसमें उमाशंकर सिंह ने मंत्री को “बिहार का” बताते हुए कहा था कि वे “ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह बलिया को लूटने आए हैं।”
बलिदान दिवस पर भी जुबानी वार
बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर जेल न होने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि जेल मौजूद है और उसकी दो एकड़ भूमि चित्तू पांडेय जी के नाम पर राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित की गई है।
कटहल नाला पुल से उपजा विवाद
दोनों नेताओं के बीच यह विवाद कटहल नाला पर NH-31 के नए पुल को लेकर शुरू हुआ था। 5 जुलाई को पीडब्ल्यूडी ने पुराने पुल के पास नया पुल देर रात चालू कर दिया था। परिवहन मंत्री मौके पर पहुंचे और पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को फटकार लगाई। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी “एक बड़े नेता के दरबार” में जाते हैं।
इसके बाद बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, “अगर हम आरोप और प्रमाण देने लगेंगे तो किसी को छुपने की जगह नहीं मिलेगी। पुल से शिकायत है तो भारत सरकार से बात करें, यह नेशनल हाईवे का मामला है।”
‘साक्ष्य हैं तो विधानसभा में रखें’
शनिवार को मंत्री ने कहा, “मैं ऐसे डरने वाला नहीं हूं। गीदड़ भभकी मत दो। आपके पास साक्ष्य हैं तो विधानसभा में बलिया और प्रदेश की जनता के सामने सब रखिए।”