मजदूरों के लिए बड़ी राहत: न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी, लाखों मजदूरों को मिलेगा इसका लाभ, जाने क्या है नया नियम

मजदूरों के लिए बड़ी राहत
नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत को देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकारों ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे निर्माण, फैक्ट्री, दुकान, घरेलू कार्य और ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम करने वाले लाखों श्रमिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
दिल्ली में नई दरें हुआ लागू
दिल्ली सरकार ने सभी श्रेणियों के मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है। अब अकुशल श्रमिक को 18,456 रुपये (पहले 18,066 रुपये), अर्ध-कुशल को 20,371 रुपये (पहले 19,929 रुपये) और कुशल मजदूर को 22,411 रुपये (पहले 21,917 रुपये) मासिक वेतन मिलेगा। मैट्रिक पास लेकिन स्नातक नहीं करने वालों के लिए भी यही दर लागू है। स्नातक व उससे अधिक योग्यता वाले मजदूरों का वेतन 24,356 रुपये (पहले 23,836 रुपये) हो गया है।
केंद्र सरकार की नई दरें 1 अक्टूबर 2024 से
केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भी मजदूरी बढ़ाई है। क्षेत्र ‘ए’ में अकुशल श्रमिक को 783 रुपये प्रतिदिन, अर्द्ध-कुशल को 868 रुपये, कुशल व लिपिक/शस्त्र रहित चौकीदार को 954 रुपये और उच्च कुशल/शस्त्र सहित चौकीदार को 1035 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे।
मनरेगा मजदूरी में भी बढ़ोतरी
ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरी दरों में 2.33% से 7.48% तक बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में यह दर अब 400 रुपये प्रतिदिन हो गई है। मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष में कम से कम 100 दिन का रोजगार गारंटी के साथ दिया जाता है।

महंगाई भत्ता से जुड़ी दरें
नई दरों का निर्धारण कृषि श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) के आधार पर किया गया है। सरकारें हर साल 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को महंगाई भत्ते (VDA) के आधार पर मजदूरी संशोधित करती हैं।
शिकायत का अधिकार
यदि किसी श्रमिक को तय न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन मिलता है, तो वह जिले के श्रम आयुक्त या संयुक्त श्रम आयुक्त के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। श्रम विभाग न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत कार्रवाई करने का अधिकार रखता है।