तिरंगा लहराया, पर कांग्रेस की मौजूदगी नहीं दिखी — BJP का कांग्रेस पर वार

नई दिल्ली। 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया, लेकिन इस ऐतिहासिक अवसर पर कांग्रेस के शीर्ष नेता नदारद रहे। न तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समारोह में नज़र आए और न ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अनुपस्थिति ने भी राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ कर दी।
भारतीय जनता पार्टी ने इसे कांग्रेस की “संवैधानिक लापरवाही” करार दिया है। BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “नेता प्रतिपक्ष का पद सिर्फ एक राजनीतिक पद नहीं, बल्कि संवैधानिक जिम्मेदारी है। ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी देश के प्रति कर्तव्य का हिस्सा है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का न आना लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान है।”
कांग्रेस की तरफ से हालांकि इस अनुपस्थिति को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन विपक्षी खेमे में इसे लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रीय पर्व से दूरी बनाना न केवल जनता के बीच नकारात्मक संदेश देता है, बल्कि विपक्ष की एकजुटता पर भी सवाल खड़े करता है।
लाल किले से प्रधानमंत्री के भाषण में ‘विकसित भारत’ का संकल्प, महिला सशक्तिकरण, और आर्थिक प्रगति के मुद्दे प्रमुख रहे, लेकिन इस पूरे समारोह में कांग्रेस नेतृत्व की खाली कुर्सियां लगातार चर्चा का केंद्र बनी रहीं।